Tuesday, November 26, 2013

बधशाला -15

हिंसा से हिंसा बढती है , पीयो प्रेम रस का प्याला 
नफरत से नफरत को वश में , अरे कौन करने वाला 
"बापू" के हित अगर तुम्हारी , आँखों में कुछ आंसू है 
बंद करो लड़ाई,मत  खोलो , हिन्दू मुस्लिम बधशाला.



मंदिर तोड़ मुसलमां सहसा , बोल उठा अल्ला ताला
मस्जिद फूंक और हिन्दू का , बजा शंख घंटा आला 
जान न पाए दोनों पागल , उसके नाम अनेकों है ,
किया धर्म बदनाम खोल , रहमान राम की बधशाला.



नाच गया किसकी थापों पर , जिन्ना होकर मतवाला 
किसके सगे हुए ये गोरे, रहा हमेशा दिल काला
"क्रिप्स" लगाकर आग हिन्द में , सात समुन्दर पर गया 
बजा रहा था "चर्चिल" ट्रम्पेट , देख हमारी बधशाला

16 comments:

  1. likhte rahiye....:)....
    taarifo ke chand shabd likhne ke liye mere paas wo shabd hi nahi....bas itna hi likhugi ki superb kamaal kar ditta...

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  2. मानवीयता का पाठ पढ़ाती स्पष्ट, सटीक अभिव्यक्ति ....

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  3. आशीष
    इतनी सुन्दर रचना रच दी......कर दिया सभी को मतवाला
    ऐसे ही बस बढ़ती जाये ...ख़त्म न हो यह बधशाला

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  4. मंदिर तोड़ मुसलमां सहसा , बोल उठा अल्ला ताला
    मस्जिद फूंक और हिन्दू का , बजा शंख घंटा आला
    जान न पाए दोनों पागल , उसके नाम अनेकों है ,
    किया धर्म बदनाम खोल , रहमान राम की बधशाला.

    हमेशा की तरह बहुत बढ़िया और सार्थक रचना ,सदा प्रसन्न रहो

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  5. ज्ञानियों ने धर्म बनाये थे .. मतलबियों ने उन्हें सम्प्रदाय में बदल दिया

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  6. वाह .....
    मानवता के रंग रंगी है ,हिम्मतवालों की टोली ....!
    केसरिया है रंग भाव का ,बढ़ती जाती बधशाला .....!!

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  7. बस,खत्म न हो कभी ज्ञान की यह पाठशाला :).

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  8. बहुत ही बढ़िया .......और आगे ...

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  9. हिंसा से हिंसा बढती है , पीयो प्रेम रस का प्याला
    नफरत से नफरत को वश में , अरे कौन करने वाला
    "बापू" के हित अगर तुम्हारी , आँखों में कुछ आंसू है
    बंद करो लड़ाई,मत खोलो , हिन्दू मुस्लिम बधशाला.
    क्या बात..................

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  10. अंतिम वाला सबसे अच्छा लगा। ..सात समुंदर पार गया।

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  11. बढ़िया.......आपके ज्ञान का तो लोहा मान गए.
    दाद कबूल कीजिये.

    अनु

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  12. मधुशाला के बाद एक ऐसी रचना यह बनती जा रही है जिसे बार-बार पढ़ने-गुनने और गाने का मन करता है।

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  13. प्रतिदिन ही कहीं न कहीं खुलती है बधशाला !

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  14. अंग्रेजों को अपना सपना साकार लगा होगा, यह वधशाला देख।

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  15. http://hindibloggerscaupala.blogspot.in/ के शुक्रवारीय अंक ६/१२/१३ मैं आपकी रचना को शामिल किया जा रहा हैं कृपया अवलोकन हेतु पधारे धन्यवाद

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