Thursday, December 26, 2013

बधशाला -16


श्री कृष्ण का सर्व प्रथम , जब था पूजन होने वाला 
क्रोधित हो यह देख, गालियाँ लगा सुनाने मतवाला 
अरे बोल वह कब तक सुनता , सुनली उसकी सौ गाली
वही राजसूय यज्ञ बना , शिशुपाल दुष्ट की बधशाला





हाथ कफ़न से बाहर कर दो,ह्रदय नहीं मेरा काला
देखे दुनिया ! खाली हाथो , जाता है जाने वाला 
कहा सिकंदर ने मरते दम , मेरे गम में मत रोना 
वे ही रोये जिनके घर में , नहीं खुली हो बधशाला






गिरा गोद में घायल पक्षी , आतुर होकर देखा भाला
वहां बधिक आ गया भूख से , था व्याकुल मरने वाला
जीवन मरण आज गौतम को.,खूब समझ में आया था
किस पर दया करूँ! क्या दुनिया , इसी तरह है बधशाला