Friday, July 5, 2013

बधशाला -8

देश धर्म को छोड़ ! खोलता , कोई पागल मधुशाला
भूल गया अपने को यह क्या,जान सकेगा मतवाला
है कोई! देखेगा दिल , दिलवाला उन दिलवालों का
शीश चढ़ाकर अरे जिन्होंने , अमर बनाई  बधशाला

क्या ?जीवन भर लिए फिरेगा , दर दर पर खाली प्याला
तेरी तृष्णा ! नहीं मिटेगी , कितनी ही पीले हाला
अरे शराबी ! बांध कफ़न सिर, मेरे पीछे पीछे चल .
भूल जायेगा मधुशाला को , अगर देख ली बधशाला

गला घोट दे मधुबाला का,चूर चूर कर दे प्याला
तली तोड़ दे मधुघट की पागल ,बह जाये सारी हाला
कान पकड़ के तौबा कर ले , परम पिता से मांग क्षमा
तुझे सूझती मधुशाला , खुल रही देश में बधशाला

सुरा ! शराबी का जीवन है , मेरा जीवन है ज्वाला
उसकी प्यारी मधुशाला है , मेरी आश कृषक -बाला
वह देता है निशा निमंत्रण , उषा निमंत्रण मै देता
झूम रहा है वह मधुशाला में , घूम रहा मै बधशाला

14 comments:

  1. तुझे सूझती मधुशाला , खुल रही देश में बधशाला!
    चिंता जायज़ है .
    रोचक लेखन !

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  2. किसी एक पंक्ति को भी कोट करने से छोड़ा नहीं जा सकता
    कमाल कर रहे हो भाई,,,जियो ख़ुश रहो ,,सफलता प्राप्त करो हमेशा

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  3. excellent..............
    keep writing endlessly......

    anu

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  4. शानदार चल रही है बाधशाला ....
    बिलकुल अनूठा प्रयोग ...ओजपूर्ण लेखन से भरा ....
    बहुत दिनों बाद आपकी ब्लॉग पर पोस्ट देख कर बहुत अच्छा लगा |फेसबुक पर आपकी लेखनी पढ़ते रहते हैं ...वहाँ पुरानी कृतियाँ पढ़ना मुश्किल होता है |कृपया ब्लॉग पर और भी रचनाएँ डालें ....!!जिससे पढ़ने में सुविधा हो जाती है ...!!

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  5. है कमाल की बधशाला। असीम शुभकामनाएँ इस बन रहे खण्ड काव्य के लिए..

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  6. हमारे हौसलों का रेग ए सहरा पर असर देखो,
    अगर ठोकर लगा दें हम तो चशमे फूट जाते हैं इस बेतरीन शेर के साथ इस बात का पूर्ण विश्वास कि
    नए आयाम और कीर्तिमान स्थापित करेगी
    बधशाला !

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  7. जिसके मन में देश प्रमुख है,
    सीमायें मद की थक जाती,
    नहीं घूँट पर आधारित तन,
    हर साँसें मन को मदमाती।

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  8. सुरा ! शराबी का जीवन है , मेरा जीवन है ज्वाला
    उसकी प्यारी मधुशाला है , मेरी आश कृषक -बाला
    वह देता है निशा निमंत्रण , उषा निमंत्रण मै देता
    झूम रहा है वह मधुशाला में , घूम रहा मै बधशाला
    क्या कहूं और कहने को क्या रह गया.... :) बस लिखे जाओ...

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  9. बधशाला श्रृंखला बेहद प्रभावशाली है...!
    चलती रहे!

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  10. बस यूँ ही ये सफर निरंतर चलता रहें

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  11. यह वधशाला गज़ब की है .

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  12. अमर रहेगी ये बधशाला ...

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