बधशाला -20
- मेरे आगे ! क्या गायेगा , आये तो गाने वाला
- एक "भारती" कि वीणा है ,बाकी साज जला डाला
- बेगाना ! गाना समझेगा , मस्ती समझे मस्ताना
- मेरी लय में महाप्रलय है , जालिम समझे बधशाला .
- ख़बरदार जो मेरे ऊपर , अगर किसी ने रंग डाला
- रंगा हुआ हूँ , मुझ पर कोई , रंग नहीं चढ़ने वाला
- देश धर्म के दीवानों कि, जलती पग पग पर होली
- जिस दिन चाहूँ , चला जाउंगा , फाग खेलने बधशाला.
- मेरे आगे ही ! रो लेवे , हो कोई रोने वाला
- ख़बरदार जो मर जाने पर , अगर कही आंसू डाला
- जिसके दिल में आग लगी हो , वही चिता मेरी फूंके
- कर्म करे तो बांध कफ़न सिर, जाये सीधे बधशाला .
ख़बरदार जो मेरे ऊपर , अगर किसी ने रंग डाला
ReplyDeleteरंगा हुआ हूँ , मुझ पर कोई , रंग नहीं चढ़ने वाला ..
और
मेरे आगे ही ! रो लेवे , हो कोई रोने वाला
ख़बरदार जो मर जाने पर , अगर कही आंसू डाला ...
आने वाला कब है रूकता, न रूकता जाने वाला
चुप रह कर सुनती हूँ तुमको ,सब कुछ तुमने कह डाला...
एक "भारती" कि वीणा है ,बाकी साज जला डाला
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर ....उत्कृष्ट रचना है
जीती जागती कविता।
ReplyDeleteजिसका नस - नस स्पंदित है।
जय हो...
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति
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एक "भारती " की वीणा....बाकि साज जला डाला।
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत शब्दों का चयन।
इतनी सुन्दर कविता से मिलवाने के लिए दिल से आभार।
जिसके दिल में आग लगी हो , वही चिता मेरी फूंके
ReplyDeleteकर्म करे तो बांध कफ़न सिर, जाये सीधे बधशाला
बहुत सुन्दर .
प्रतीक्षारत ...
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