मार्च का महीना हमारे जैसे नौकरीपेशा लोगों के लिए सरकारी आभारों का चुकाने का समय होता है . कल इन सब आभारों से निपटते हुए एक ख्याल आया की कवि लोग अपने पाठकों का आभार देने के लिए कौन सा रास्ता अख्तियार करते होंगे .मेरी पिछली कविता पर श्रीयुत अनूप शुक्ल जी ने अपनी टिपण्णी में कहा था की ऐसी जनता कविता की सर्जना होती रहनी चाहिए . इस उत्प्रेरण के लिए उनका कोटिशः आभार .
अस्त व्यस्त से दिख रहे कविवर और थोड़े बेचैन
अति गहन चिंतित , नैन जागे से लागे सगरी रैन
जहां होती थी काव्यांजलि अब लेजर और नंबर पैन है
उर्वशी ,रश्मिरथी के पन्नो में दिखती उनको टैक्समैन है
मैंने पूछ लिया कौन सा गम ,उनको कर गया इतना विह्वल
क्यों मुख है क्लांत मलिन सा जैसे नायिका कर गई छल
बोले, बन्धु नहीं था काम दुनिया से,मदरसा है वतन अपना
सोचा था मरेंगे हम किताबो में , सफें होगे कफ़न अपना
कहने लगे ,कवि पाते प्रेरणा गगन और चाँद से
सुना है उत्प्रेरित होना निज ह्रदय के अनुनाद से
राह चलते कह देते है कुछ लिखते रहो बरखुरदार
मौका मिलते ,धर देते है सर पे आभार का अधिभार
जोड़ रहे आभार कविवर , किसका कितना है देना
भरा पड़ा है एहसानों से रोजनामचा का हर कोना
क्रेडिट डेबिट कर रहे है , भूल गए दोहे और छंद
साल्वेज वैल्यू निकाल रहे , मीर कासिम और जयचंद
कुछ आभार है फिक्स डिपाजिट ,है कुछ बचत खाता
कुछ टीडीस काट के मिलते, कुछ कराते है जगराता
क्रेडिटर्स खड़े है दंड लिए, आभार इनवेजन की तोहमत लगाते
हमने कल आभार रिटर्न फाइल किया, किये जीरो बैलेंस खाते
अस्त व्यस्त से दिख रहे कविवर और थोड़े बेचैन
अति गहन चिंतित , नैन जागे से लागे सगरी रैन
जहां होती थी काव्यांजलि अब लेजर और नंबर पैन है
उर्वशी ,रश्मिरथी के पन्नो में दिखती उनको टैक्समैन है
मैंने पूछ लिया कौन सा गम ,उनको कर गया इतना विह्वल
क्यों मुख है क्लांत मलिन सा जैसे नायिका कर गई छल
बोले, बन्धु नहीं था काम दुनिया से,मदरसा है वतन अपना
सोचा था मरेंगे हम किताबो में , सफें होगे कफ़न अपना
कहने लगे ,कवि पाते प्रेरणा गगन और चाँद से
सुना है उत्प्रेरित होना निज ह्रदय के अनुनाद से
राह चलते कह देते है कुछ लिखते रहो बरखुरदार
मौका मिलते ,धर देते है सर पे आभार का अधिभार
जोड़ रहे आभार कविवर , किसका कितना है देना
भरा पड़ा है एहसानों से रोजनामचा का हर कोना
क्रेडिट डेबिट कर रहे है , भूल गए दोहे और छंद
साल्वेज वैल्यू निकाल रहे , मीर कासिम और जयचंद
कुछ आभार है फिक्स डिपाजिट ,है कुछ बचत खाता
कुछ टीडीस काट के मिलते, कुछ कराते है जगराता
क्रेडिटर्स खड़े है दंड लिए, आभार इनवेजन की तोहमत लगाते
हमने कल आभार रिटर्न फाइल किया, किये जीरो बैलेंस खाते