tag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post7035688492438405186..comments2023-10-11T05:05:14.272-07:00Comments on युग दृष्टि: आभार का भारashishhttp://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-47499372435733298922011-05-07T21:43:36.259-07:002011-05-07T21:43:36.259-07:00भार मुक्त कर गया...भार का आभार..भार मुक्त कर गया...भार का आभार..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-55517536634650342642011-04-06T05:12:55.263-07:002011-04-06T05:12:55.263-07:00aashish ji
bahut hi badhiya ,bahut achhi lagi aap...aashish ji <br />bahut hi badhiya ,bahut achhi lagi aapki kavita aabhar ka bhaar.hasye se paripurn avam sachchai ko behatreen tareeke se bayan karti post .<br />bahut bahut badhai<br /> poonamपूनम श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-8465695092027313292011-04-05T19:52:08.851-07:002011-04-05T19:52:08.851-07:00kavita padi maja aagaya sachchayi ko haste haste k...kavita padi maja aagaya sachchayi ko haste haste kahana hi asli kavita haiDr Kiran Mishrahttps://www.blogger.com/profile/15153901070894116636noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-91261605705309046342011-04-05T00:25:48.507-07:002011-04-05T00:25:48.507-07:00waah...bahut badhiyaawaah...bahut badhiyaaरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-11027208407559512452011-04-05T00:17:29.251-07:002011-04-05T00:17:29.251-07:00कुछ आभार है फिक्स डिपाजिट ,है कुछ बचत खाता
कुछ टी...कुछ आभार है फिक्स डिपाजिट ,है कुछ बचत खाता<br />कुछ टीडीस काट के मिलते, कुछ कराते है जगराता<br />क्रेडिटर्स खड़े है दंड लिए, आभार इनवेजन की तोहमत लगाते<br />हमने कल आभार रिटर्न फाइल किया, किये जीरो बैलेंस खाते<br />बेहतरीन शब्दों का उपयोग किया है इस आभार रहित होने के लिये ...बधाई ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-80863583796934880672011-04-04T06:36:21.080-07:002011-04-04T06:36:21.080-07:00भार का आभार पसंद आया।भार का आभार पसंद आया।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-82697386692745826512011-04-03T07:17:29.383-07:002011-04-03T07:17:29.383-07:00मिडिलक्लास की यही कहानी आंखों में आंसू...मिडिलक्लास की यही कहानी आंखों में आंसू...Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-31756245814196224942011-04-01T23:33:07.017-07:002011-04-01T23:33:07.017-07:00Bahut sundar.
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क्या ब्लॉगों की समीक्षा...Bahut sundar.<br /><br />-----------<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">क्या ब्लॉगों की समीक्षा की जानी चाहिए?</a><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">क्यों हुआ था टाइटैनिक दुर्घटनाग्रस्त?</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-52928192206996248612011-03-31T07:46:05.759-07:002011-03-31T07:46:05.759-07:00बेहतरीन प्रस्तुति । धन्यवाद|बेहतरीन प्रस्तुति । धन्यवाद|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-33965477115824431012011-03-31T04:49:22.385-07:002011-03-31T04:49:22.385-07:00हम तो समझ रहे थे की ये छायावादी कवि सिर्फ प्रकृति ...हम तो समझ रहे थे की ये छायावादी कवि सिर्फ प्रकृति और सौन्दर्य का साधक है लेकिन इसका दूसरा रूप तो और भी काबिलेतारीफ निकला. आशीष इसे भी बनायेरखना.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-55932308028469888212011-03-31T03:27:38.130-07:002011-03-31T03:27:38.130-07:00हम तो बिना बैक ग्राउंड के ही तारीफ कर गए ...अब बैक...हम तो बिना बैक ग्राउंड के ही तारीफ कर गए ...अब बैक ग्राउंड क्या थ यह सोचने में लगे हैं ...खैर जो भी हो अच्छी रचना हैसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-34438791106699718082011-03-30T23:33:13.182-07:002011-03-30T23:33:13.182-07:00वेल!
कविता का बैकग्राउंड समझा कर टैक्स वसूल करते त...वेल!<br />कविता का बैकग्राउंड समझा कर टैक्स वसूल करते तो मज़ा आता। फिर भी टैक्स दे रहे हैं तो समझिए की बैक ग्राउंड / मूल स्रोत तक पहुंच हो ही गई होगी। बाक़ी कविता का शिल्प आकर्षित करता है। शैली सरस और बीच-बीच में अन्य भाषा के शब्द इसकी गरिमा को बढाते हैं।<br />कुल मिलाकर एक अच्छी सोच पर लिखी बेहतरीन रचना।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-61382197917426545452011-03-30T22:34:15.618-07:002011-03-30T22:34:15.618-07:00@ मार्च का महीना हमारे जैसे नौकरीपेशा लोगों के लि...@ मार्च का महीना हमारे जैसे नौकरीपेशा लोगों के लिए सरकारी आभारों का चुकाने का समय होता है . <br />(सॉरी कल आ नहीं सका, आपातकाल आ गई थी।)<br />क्या दिल छूती बात लिखी है। सिर्फ़ दस महीने की कमाई पर ही जब से सरकारी नौकरी की है गुज़ारा चल रहा है, बक़ी के दो महीने की कमाई तो आभार चुकाने में ही चला जाता है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-91212930426617195002011-03-30T01:35:51.208-07:002011-03-30T01:35:51.208-07:00कहने लगे ,कवि पाते प्रेरणा गगन और चाँद से
सुना ...कहने लगे ,कवि पाते प्रेरणा गगन और चाँद से <br /> सुना है उत्प्रेरित होना निज ह्रदय के अनुनाद से <br />राह चलते कह देते है कुछ लिखते रहो बरखुरदार<br />मौका मिलते ,धर देते है सर पे आभार का अधिभार ..<br /><br />भाई वाह ... क्या नायाब तरीका है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-23290999444050680702011-03-30T01:19:22.330-07:002011-03-30T01:19:22.330-07:00कुछ आभार है फिक्स डिपाजिट ,है कुछ बचत खाता
कुछ टी...कुछ आभार है फिक्स डिपाजिट ,है कुछ बचत खाता<br />कुछ टीडीस काट के मिलते, कुछ कराते है जगराता<br />क्रेडिटर्स खड़े है दंड लिए, आभार इनवेजन की तोहमत लगाते<br />हमने कल आभार रिटर्न फाइल किया, किये जीरो बैलेंस खाते ....<br /><br /><br />आभार की नई व्याख्या के लिए आपको हार्दिक बधाई।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-5173762620723434032011-03-30T01:00:48.681-07:002011-03-30T01:00:48.681-07:00वाह! बहुत खूब! क्या जनता कविता है। टैक्स वसूल टाइप...वाह! बहुत खूब! क्या जनता कविता है। टैक्स वसूल टाइप!<br /><br />जब तक ब्लाग और ब्लागस्पाट रहेगा/ तब तक जनकवि तेरा नाम रहेगा। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-71952090371152908432011-03-30T00:54:02.523-07:002011-03-30T00:54:02.523-07:00राह चलते कह देते है कुछ लिखते रहो बरखुरदार
मौका मि...राह चलते कह देते है कुछ लिखते रहो बरखुरदार<br />मौका मिलते ,धर देते है सर पे आभार का अधिभार <br /><br />बहुत कठिन है डगर पनघट की.<br /><br />जोड़ रहे आभार कविवर , किसका कितना है देना <br />भरा पड़ा है एहसानों से रोजनामचा का हर कोना <br />क्रेडिट डेबिट कर रहे है , भूल गए दोहे और छंद <br />साल्वेज वैल्यू निकाल रहे , मीर कासिम और जयचंद<br /><br />हा हा हा ..गज़ब मजेदार ,निर्मल स्तरीय हास्य.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-87221751832067293402011-03-29T23:05:29.880-07:002011-03-29T23:05:29.880-07:00बढियां पूरक सामग्री है,मूल स्रोत तो हम जानते ही है...बढियां पूरक सामग्री है,मूल स्रोत तो हम जानते ही हैं -नए युग बोध की गड़बड़झाला कविता !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-53286960554496892802011-03-29T22:14:23.346-07:002011-03-29T22:14:23.346-07:00क्रेडिट डेबिट कर रहे है , भूल गए दोहे और छंद
साल...क्रेडिट डेबिट कर रहे है , भूल गए दोहे और छंद <br />साल्वेज वैल्यू निकाल रहे , मीर कासिम और जयचंद<br /><br />बहुत बढ़िया ...बडी अलग सी रचना है ...अच्छी लगी..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-70414198677245198572011-03-29T21:45:56.349-07:002011-03-29T21:45:56.349-07:00@पवन मिश्रा जी
मीर कासिम मैंने जानबूझकर लिखा है . ...@पवन मिश्रा जी<br />मीर कासिम मैंने जानबूझकर लिखा है . उसने ससुर(मीर जफ़र) का आभार उनसे गद्दी छीन कर दिया .ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-8046364747107807692011-03-29T21:18:09.186-07:002011-03-29T21:18:09.186-07:00राह चलते कह देते है कुछ लिखते रहो बरखुरदार
मौका मि...राह चलते कह देते है कुछ लिखते रहो बरखुरदार<br />मौका मिलते ,धर देते है सर पे आभार का अधिभार <br /><br />अब अधिभार है तो बोझा तो कम करना ही पड़ेगा :):)<br /><br />हमने कल आभार रिटर्न फाइल किया, किये जीरो बैलेंस खाते <br /><br />जेरो करने में ही तो लोग समझते हैं कि बस आदान - प्रदान हो रहा है ...या कुछ लोगों की भाषा में -- तू मेरी खुजा मैं तेरी खुजाऊं ..यह भाषा मैंने यहीं ( ब्लॉग पर ) पढ़ी है ..<br /><br />स्तरीय हास्यसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-86802511040725948682011-03-29T20:19:48.630-07:002011-03-29T20:19:48.630-07:00जोड़ रहे आभार कविवर , किसका कितना है देना
भरा पड़...जोड़ रहे आभार कविवर , किसका कितना है देना <br />भरा पड़ा है एहसानों से रोजनामचा का हर कोना <br />क्रेडिट डेबिट कर रहे है , भूल गए दोहे और छंद <br />साल्वेज वैल्यू निकाल रहे , मीर कासिम और जयचंद<br /><br />मीर कासिम की जगह मीर जाफर होना चाहिए था <br />आपका ये नया रूप देखकर आनंद आ गयाPAWAN VIJAYhttps://www.blogger.com/profile/14648578581549077487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-15987079700677608972011-03-29T20:11:15.362-07:002011-03-29T20:11:15.362-07:00यह भी अच्छा है ..लेकिन आभार का भार उठाना बहुत कठिन...यह भी अच्छा है ..लेकिन आभार का भार उठाना बहुत कठिन होता है ...शुक्रियाकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-42852951342411418632011-03-29T20:10:25.891-07:002011-03-29T20:10:25.891-07:00सुन्दर हास्य,
सबका हाल वही है समझो,
अपने को सुन्द...सुन्दर हास्य, <br />सबका हाल वही है समझो,<br />अपने को सुन्दरतम समझो।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-28335353038701159622011-03-29T19:58:01.679-07:002011-03-29T19:58:01.679-07:00.
@-हमने कल आभार रिटर्न फाइल किया, किये जीरो बैले....<br /><br />@-हमने कल आभार रिटर्न फाइल किया, किये जीरो बैलेंस खाते...<br /><br />बैलेंस बराबर ही रखना चाहिए । आभार का भार बहुत भारी होता है ।<br />बेहतरीन प्रस्तुति ।<br />पुनः आभार ।<br /><br />नौ नगद न तेरा उधार !<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.com