tag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post2151307607516144338..comments2023-10-11T05:05:14.272-07:00Comments on युग दृष्टि: बनिहारिनashishhttp://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comBlogger30125tag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-61710062317432512522014-04-30T22:40:42.586-07:002014-04-30T22:40:42.586-07:00bohat hi sarthak aur bhavpoorn rachna... this is a...bohat hi sarthak aur bhavpoorn rachna... this is a perfect ode to hard life of a ' mazdoor'Aparna Bosehttps://www.blogger.com/profile/04096135756564696287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-21581642945898150072013-10-09T08:55:25.312-07:002013-10-09T08:55:25.312-07:00श्रम दिवस क आज खूब शोर बा
एकर खाली नाम सुनल है
...श्रम दिवस क आज खूब शोर बा <br />एकर खाली नाम सुनल है <br />सुरसती पीड़ा में भिगल पोर-पोर बा <br />बनिहारिन त नाम पडल है .............बाह खुबे नीक प्रस्तुति ...मजदूर दिवस प भोजपुरी में इतना सुनर गीत खातिर खचोलिया भर बधाई sarojhttps://www.blogger.com/profile/16905747067151956796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-88275629434954877112012-06-17T07:53:59.493-07:002012-06-17T07:53:59.493-07:00कमाल की कविता है! जो बात इस कविता में है वह इसके ब...कमाल की कविता है! जो बात इस कविता में है वह इसके बाद की पोस्ट में नहीं। एकाध अउर ट्राई कीजिए न! ई भाषा का कौनो जोड़ नहीं है।..बहुत बधाई।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-14241245869075971182012-05-11T03:20:51.329-07:002012-05-11T03:20:51.329-07:00महाप्राण निराला की रचना याद आ गयी वह तोडती पत्थर इ...महाप्राण निराला की रचना याद आ गयी वह तोडती पत्थर इलाहाबाद के पथ पर.PAWAN VIJAYhttps://www.blogger.com/profile/14648578581549077487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-49974935710387673692012-05-06T06:04:56.062-07:002012-05-06T06:04:56.062-07:00श्रम दिवस क आज खूब शोर बा
एकर खाली नाम सुनल है
सु...श्रम दिवस क आज खूब शोर बा<br />एकर खाली नाम सुनल है<br />सुरसती पीड़ा में भिगल पोर-पोर बा<br />बनिहारिन त नाम पडल है <br /><br />श्रम दिवस पर एक सार्थक कविता।<br />बहुत बढि़या।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-17031427228690769702012-05-06T05:37:17.017-07:002012-05-06T05:37:17.017-07:00श्रम दिवस क आज खूब शोर बा
एकर खाली नाम सुनल है
...श्रम दिवस क आज खूब शोर बा <br />एकर खाली नाम सुनल है <br />सुरसती पीड़ा में भिगल पोर-पोर बा <br />बनिहारिन त नाम पडल है ..<br /><br />सच कहा है .. मजदूरन (इसमें घर की नारी भी शामिल है) ... दिन रात चक्की कीतरह पिसती है और शोर होता है बस दिवस का ... <br />इस वाता कों खूब शब्दों में उतारा है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-38557526533780931402012-05-05T09:45:20.761-07:002012-05-05T09:45:20.761-07:00श्रम दिवस क आज खूब शोर बा
एकर खाली नाम सुनल है
...श्रम दिवस क आज खूब शोर बा <br />एकर खाली नाम सुनल है <br />सुरसती पीड़ा में भिगल पोर-पोर बा <br />बनिहारिन त नाम पडल है<br /><br />यह शब्द (बनिहारिन) गांव की ओर लेकर चला गया । आपने बहुत ही खूबसूरत अंदाज में इसे पेश किया है । मेरे पोस्ट पर आपका आमंत्रण है । धन्यवाद ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-824463262950202372012-05-04T02:55:08.541-07:002012-05-04T02:55:08.541-07:00क्या कहूँ जो कुछ मुझे कहना था वह सब तो यहाँ सभी ने...क्या कहूँ जो कुछ मुझे कहना था वह सब तो यहाँ सभी ने कह दिया :-) फिलहाल मनोज जी कि बात से पूर्णतः सहमत हूँ। शुभकामनायेंPallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-73360353160101086212012-05-03T16:35:13.788-07:002012-05-03T16:35:13.788-07:00महिला और मजदूर इसकी दोहरी व्यथा इस भोजपुरी कविता म...महिला और मजदूर इसकी दोहरी व्यथा इस भोजपुरी कविता में दर्द बन कर बह रही है । इनका जीवन तो वैसे ही चलता है चाहे महिला दिवस हो या मजदूर दिवस ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-6324342012826325772012-05-03T10:44:28.111-07:002012-05-03T10:44:28.111-07:00श्रम दिवस क आज खूब शोर बा
एकर खाली नाम सुनल है
...श्रम दिवस क आज खूब शोर बा <br />एकर खाली नाम सुनल है <br />सुरसती पीड़ा में भिगल पोर-पोर बा <br />बनिहारिन त नाम पडल है<br /><br />श्रमिक दिवस पर बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-48223079788815583572012-05-03T09:53:30.031-07:002012-05-03T09:53:30.031-07:00ज़ोरदार रचना - महिला मज़दूर को तो दुहरी मार झेलनी ...ज़ोरदार रचना - महिला मज़दूर को तो दुहरी मार झेलनी पड़ती है - घर जाकर भी चूल्हा-चौका और बच्चों का सँभाल शायद रात मे सोना भी मुश्किल हो जाता हो - फिर भी रहेगी बेचारी ही !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-802498502967038912012-05-03T05:00:19.349-07:002012-05-03T05:00:19.349-07:00बहुत ही बढि़या प्रस्तुति।बहुत ही बढि़या प्रस्तुति।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-14071869441036156222012-05-03T02:18:56.550-07:002012-05-03T02:18:56.550-07:00बहुत ही बढ़िया
सादरबहुत ही बढ़िया<br /><br />सादरYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-34384918264183953902012-05-02T23:17:33.783-07:002012-05-02T23:17:33.783-07:00achhi rachana...shbdon dwara sahi sammanachhi rachana...shbdon dwara sahi sammanआशा बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/09252016355406381145noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-40804108479155948292012-05-02T23:02:36.972-07:002012-05-02T23:02:36.972-07:00यह दिवस तो सिर्फ बड़ों की बातें हैं ...जश्न के बहा...यह दिवस तो सिर्फ बड़ों की बातें हैं ...जश्न के बहाने हैं.....मजदूरों ने सभी दिन धूप बरसात में काटे हैं ....बहुत दुखद ....Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-36063666674738343412012-05-02T17:21:22.122-07:002012-05-02T17:21:22.122-07:00आशीष जी, आपकी इस रचना में न सिर्फ भोजपुरी की मिठास...आशीष जी, आपकी इस रचना में न सिर्फ भोजपुरी की मिठास है, बल्कि वो ज़मीनी खुशबू है जिसका अनुभव कर पाना वाकई बहुत कम लोगों के बस की बात है.<br />इस रचना के लिए हार्दिक शुभकामनाएं.<br />सादर<br />मधुरेशMadhureshhttps://www.blogger.com/profile/03058083203178649339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-78556046191789797072012-05-02T10:50:17.039-07:002012-05-02T10:50:17.039-07:00आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार ...आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 03 -05-2012 को यहाँ भी है <br /><br /><a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/" rel="nofollow"> .... आज की नयी पुरानी हलचल में ....कल्पशून्य से अर्थवान हों शब्द हमारे .</a>संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-77619422436182264102012-05-02T06:53:04.048-07:002012-05-02T06:53:04.048-07:00सार्थक,सशक्त, प्रभावशाली रचना!सार्थक,सशक्त, प्रभावशाली रचना!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-85636139340992895012012-05-02T02:24:30.594-07:002012-05-02T02:24:30.594-07:00श्रमनिरता का संवेदनात्मक वर्णन..बहुत प्रभावी..श्रमनिरता का संवेदनात्मक वर्णन..बहुत प्रभावी..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-78943726864420358362012-05-01T22:29:09.570-07:002012-05-01T22:29:09.570-07:00आंचलिक भाषा में लिखी एक सशक्त रचना ... हकीकत से र...आंचलिक भाषा में लिखी एक सशक्त रचना ... हकीकत से रु ब रु करती हुई ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-15053168528225494162012-05-01T20:22:00.063-07:002012-05-01T20:22:00.063-07:00हकीकत की बानगी हैं आपकी रची पंक्तियाँ.....हकीकत की बानगी हैं आपकी रची पंक्तियाँ..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-10914599069745631052012-05-01T19:27:02.944-07:002012-05-01T19:27:02.944-07:00मैं अभी अपने गाँव की बनिहारिनों को आपकी रचना में क...मैं अभी अपने गाँव की बनिहारिनों को आपकी रचना में करीब से देख रही हूँ..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-69220590828043367452012-05-01T08:57:00.377-07:002012-05-01T08:57:00.377-07:00ye aapne achchha kiya jo es baar meanings likh diy...ye aapne achchha kiya jo es baar meanings likh diye. <br />kuch shabd hamko bhi samaz nahiaay the ...<br />and saily to as usual hamesa k tarah , uske baare mai ham kya hai.. too goodpalashhttps://www.blogger.com/profile/09020412180834601052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-63159874283899405552012-05-01T08:34:19.376-07:002012-05-01T08:34:19.376-07:00और मनोज जी के इस सुर में एक सुर हमरा भी मिलाय लो.:...और मनोज जी के इस सुर में एक सुर हमरा भी मिलाय लो.:)shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1519412473588202252.post-72175192072098677862012-05-01T08:25:17.253-07:002012-05-01T08:25:17.253-07:00भाई आशीष ..
एक तो आज के दिन को समर्पित इससे बेहतर ...भाई आशीष ..<br />एक तो आज के दिन को समर्पित इससे बेहतर और कुछ हो भी क्या सकता है?<br />दूजे आपकी इस शैली ने तो मन मोह लिया। गुजारिश है कि इस शैली को बरकरार रखें।<br />इस कविता में जो तस्वीर आपने खींची है वह सीधे दिल को लगता है। जिसने बेहद नज़दीक से इस जीवन को देखा है वही ऐसा लिख सकता है।<br />एक बेहद अच्छी रचना के लिए बधाई।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com